शेयर बाजार में निवेश कई कारकों पर आधारित है जैसे कि लॉन्ग टर्म बनाम शार्ट टर्म, हाई रिस्क बनाम लो रिस्क। लेकिन वित्तीय बाजारों का ज्ञान अभी पूरी तरह से भारत में पहुंच नहीं बना पाया है। दुर्भाग्य से, भारत में नए निवेशक टीवी चैनलों और समाचारों, सोशल मीडिया की मदद से अपनी निवेश यात्रा शुरू करते हैं, जो आमतौर पक्षपाती होते हैं। हालांकि, प्रत्येक निवेशक की अपनी रिस्क-रिटर्न प्रोफ़ाइल होती है, और यही स्मॉलकेस का काम शुरू होता है।
स्मॉलकेस क्या है?
स्मॉलकेस निवेश के साधन हैं जो व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड या निवेशक के व्यक्तिगत वित्तीय सलाहकार के रूप में काम करते हैं। स्मॉलकेस निवेशक का अपना कम लागत वाला, लॉन्ग टर्म संचालित और विविध पोर्टफोलियो है जो किसी थीम, रणनीति या निवेश के उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
स्मॉलकेस को कौन मैनेज करता है?
SEBI (निवेश सलाहकार) विनियम, 2013 के विनियम 3 के अनुसार, भारत में निवेश सलाह देना अवैध है, जब तक कि व्यक्ति SEBI के साथ रजिस्टर्ड न हो या जब तक कि व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन से छूट न हो। स्मॉलकेस का मैनेजमेंट SEBI रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार (RIA) द्वारा किया जाता है। RIA एक वित्तीय सलाहकार है जिसके पास ग्राहक के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए वित्तीय सलाह देने की जिम्मेदारी होती है। सेवा के आधार पर वे एक वर्ष के लिए फिक्स्ड फी या निवेश की प्रगति के आधार पर एक चालू शुल्क लेते हैं।
SEBI रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार (RIA) की भूमिका
- SEBI रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निवेशक के निवेश को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों को समझना है। निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारक हैं जिन पर SEBI रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार को निवेशक के नज़रिये से विचार करना चाहिए:
- निवेशक का रिस्क प्रोफाइल (यानी, हाई रिस्क, मीडियम रिस्क, या लो रिस्क)
- निवेशक के रिस्क उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए रिटर्न प्रोफाइल (यानी, रिस्क धारणा के अनुसार रिटर्न)
- निवेशक की टैक्स स्थिति (यानी, निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार निवेश प्रोडक्ट का सुझाव देना)
- निवेशक की निवेश करने की समय सीमा (यानी, शार्ट टर्म, लॉन्ग टर्म, या मीडियम टर्म)
- निवेशक की लिक्विडिटी की क्षमता (यानी आपात स्थितियों के मामले में बैंक खाते में रखी जाने वाली नकदी की राशि)
- निवेशक के कानूनी कारक
- निवेशक का कोई खास निवेश उद्देश्य (यानी, निवेश की कोई विशेष थीम)
- स्मॉलकेस थीम-आधारित निवेश ज्यादा है। थीम केवल उन कंपनियों में निवेश करना हो सकता है जो बड़े डिविडेंड देती हों, या केवल टाटा समूह जैसी नैतिक रूप से समृद्ध कंपनियों में निवेश करना, या ऐसी कंपनियां जो ग्रामीण खपत में वृद्धि के कारण विकसित होंगी, या जो विशेष रसायनों में काम कर रही हैं, आदि।
- ऊपर चर्चा किए गए विभिन्न कारकों के आधार पर निवेशक को उपयुक्त रणनीति का सुझाव देने में RIA की भूमिका होती है। विभिन्न रणनीतिया लक्ष्य-आधारित निवेश, क्षेत्र-विशिष्ट निवेश, ESG निवेश, कॉर्पोरेट प्रशासन निवेश आदि हो सकती हैं।
- यह ग्राहक के हित को व्यक्तिगत हित से ऊपर रखने के लिए बाध्य होता है। उन्हें क्लाइंट के साथ सभी व्यवहारों में नैतिक रूप से व्यवहार करने की आवश्यकता होती है। उसे अपने क्लाइंट के निवेश की डिटेल जनता के सामने नहीं रखनी चाहिए।
- RIA क्लाइंट का पैसा नहीं रखता है। ग्राहक के नाम पर एक डीमैट खाता खोला जाता है। निवेशित फंड और सिक्योरिटीज पर ग्राहक का पूर्ण नियंत्रण होता है। RIA की भूमिका में डीमैट खाता खोलने में ग्राहक की सहायता करना, ग्राहक के लिए उपयुक्त स्टॉक के लिए ग्राहकों को समय पर सलाह देना, पोर्टफोलियो को रीबलैंस करना और नियमित प्रदर्शन समीक्षा शामिल है।
रिफरेन्स के लिए आप हमारे पोर्टफोलियो लिंक को देख सकते हैं:
- https://tejimandi.smallcase.com/smallcase/TJPMO_0003
- https://tejimandi.smallcase.com/smallcase/TJPMO_0001
निष्कर्ष
भारत में वित्तीय बाजार प्रत्येक निवेशक की जरूरतों के अनुसार विकसित हो रहे हैं। ऐसी जरूरतों के लिए स्मॉलकेस सबसे उपयुक्त हैं, जिसमें निवेशक अपनी रिस्क-रिटर्न प्रोफ़ाइल और रणनीति को ध्यान में रखते हैं। SEBI RIA ऐसे निवेशकों को एक उपयुक्त निवेश रणनीति बनाने में मदद करता है।