इंडियन एयरपोर्ट इंडस्ट्री इस साल प्रॉफिट की राह आगे बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान फाइनेंशियल ईयर में इंडियन एयरपोर्ट्स को टैक्स कटौती से पहले करीब 1.24 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मुनाफा होने का अनुमान है।
आइए जानते हैं कैसे एयरपोर्ट्स को मुनाफे की नई ऊंचाइयां मिल रही हैं और आने वाले समय में भारतीय एयरपोर्ट इंडस्ट्री का क्या भविष्य है।
क्या है मामला?
CAPA इंडिया नामक एविएशन एडवाइजरी कंपनी के वाईस प्रेसिडेंट परमप्रीत सिंह बख्शी ने CAPA इंडिया एविएशन समिट में कहा है कि मार्च 2025 तक खत्म होने वाले फाइनेंशियल ईयर में प्रति यात्री मुनाफा करीब 256.1 रुपये (लगभग 3.1 अमेरिकी डॉलर) रहने का अनुमान है।
इतना ही नहीं, इसी अवधि में भारतीय हवाईअड्डों से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या भी बढ़ने का अनुमान है। माना जा रहा है कि कुल 404.9 मिलियन यात्री हवाई सफर करेंगे। इनमें से 81.1% यात्री डोमेस्टिक उड़ानों के जरिए यात्रा करेंगे, जबकि 18.9% यात्री अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का इस्तेमाल करेंगे।
एयरपोर्ट्स की संख्या में वृद्धि
प्पिछले 10 वर्षों में, देश में एयरपोर्ट्स की संख्या 74 से बढ़कर 157 हो गई है। इसके साथ ही, सरकार एयरपोर्ट्स के नियमों में बदलाव लाने जा रही है, जिससे टियर 2 और 3 शहरों में एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा सके।
सिविल एविएशन मंत्री राममोहन नायडू के अनुसार, सरकार देश के एविएशन सेक्टर में तेजी लाने के लिए 100 दिनों की कार्य योजना तैयार कर रही है। इस योजना का लक्ष्य 2047 में भारत की आजादी के 100 साल पूरे होने पर ‘विकसित भारत’ के लॉन्गटर्म लक्ष्य को हासिल करना है।
निवेशकों के लिए इसमें क्या है?
इंडियन एयरपोर्ट इंडस्ट्री की सफलता में सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रो का समान योगदान है, हालांकि ज्यादातर हवाईअड्डों का संचालन एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (AAI) नामक सरकारी संस्था करती है। इसके अलावा, देश के सबसे व्यस्त हवाईअड्डे, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का संचालन GMR एयरपोर्ट्स नामक प्राइवेट कंपनी करती है। इस साथ ही, अडानी ग्रुप और फेयरफैक्स इंडिया जैसी अन्य प्राइवेट कंपनियां भी तेजी से इस सेक्टर में अपना योगदान दे रहीं है।
भविष्य की बातें
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के अनुसार, भारत 2030 तक हवाई यात्रियों की संख्या के मामले में चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एयर पैसेंजर मार्केट बन जाएगा।
सिर्फ इतना ही नहीं, भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और एयर पैसेंजर की डिमांड लगातार बढ़ रही है। CAPA इंडिया के एक अनुमान और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में जहां भारत में 144 हवाईअड्डे थे, वहीं 2030 तक यह संख्या 350 तक पहुंचने का अनुमान है।
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*आर्टिकल में शामिल कंपनियों के नाम केवल सूचना के उद्देश्य के लिए है। यह निवेश सलाह नहीं है।
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