भारत में हाल के कुछ सालों में एक अहम रुझान देखा जा रहा है – अमीर लोग यानि हाई-नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) देश छोड़कर बाहर जा रहे हैं। हेनले एंड पार्टनर्स (एक ग्लोबल संस्था जो दुनियाभर में अमीर लोगों के देश बदलने का रिकॉर्ड रखती है) की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 4,300 मिलियनेयर्स, जिनकी संपत्ति 1 मिलियन डॉलर यानी 8.36 करोड़ रुपये से ज्यादा है, भारतीय नागरिकता छोड़कर दूसरे देशों में जा सकते हैं।
आइए अब विस्तार से देखें कि आखिर कौनसी चीजें भारतीय HNIs को विदेश जाने के लिए मजबूर कर रही हैं और भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका क्या होगा असर।
क्या है मामला?
भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है और इस बारे में काफी चर्चा है कि आने वाले सालों में यह एक विकसित देश बनने की राह पर है। लेकिन, ‘हेनले एंड पार्टनर्स’ की एक जानी-मानी रिसर्च कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार भारत अभी भी उन देशों में से एक है जहां सबसे ज्यादा हाई नेट वर्थ वाले लोग (HNIs) देश छोड़कर बाहर जा रहे हैं।
अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2024 में भारत से लगभग 4,300 करोड़पति लोग देश छोड़कर जाएंगे। यह संख्या 2023 की संख्या से कम है, जो 5100 थी। भारत उन देशों में तीसरे स्थान पर है, जहां से सबसे ज्यादा अमीर लोग, चीन और ब्रिटेन के बाद, दूसरे देशों में जा रहे हैं।
UAE ऐसे भारतीय HNIs के लिए सबसे पसंदीदा देश बनकर उभरा है और वहां जाने वालों में से ज्यादातर UAE को अपना नया घर बना रहे हैं।
ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन ट्रेंड
दुनियाभर के अल्ट्रा-रिच लोगो द्वारा बेहतर जिंदगी, सुरक्षा और अपने धन को सुरक्षित रखने के लिए दूसरे देशों में जाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। 2024 में रिकॉर्ड तोड़ 1,28,000 अल्ट्रा-रिच लोग दूसरे देशों में जाने वाले हैं। यह संख्या 2023 के आंकड़ों से ज्यादा है, जिसमें 1,20,000 लोग दूसरे देशों में गए थे। UAE सबसे ज्यादा अमीर लोगों को आकर्षित करने वाला देश बन गया है (जिसका एक बड़ा कारण भारत से जाने वाले लोग हैं)। दूसरे लोकप्रिय देश अमेरिका, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया हैं।
हेनले एंड पार्टनर्स कंपनी के प्राइवेट क्लाइंट्स ग्रुप हेड डॉमिनिक वोलेक ने कहा, दुनिया भर में राजनीतिक तनाव, आर्थिक अनिश्चितता और सामाजिक अशांति जैसे मुश्किल हालातों के चलते अमीर लोग रिकॉर्ड संख्या में एक देश से दूसरे देश जा रहे हैं। यह एक तरह से बड़े बदलाव का संकेत है, जिससे दुनिया का आर्थिक और राजनीतिक नक्शा बदल सकता है। अमीरों के इस बड़े पलायन से दुनिया के हालात काफी बदल रहे हैं, जिसका असर उन देशों पर पड़ेगा जहां से ये लोग जा रहे हैं और जहां जा रहे हैं दोनों पर ही पड़ेगा।
मिलेनियर्स द्वारा पलायन करने की मुख्य वजह
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय करोड़पति अक्सर बेहतर जिंदगी, सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण, और अच्छी स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं की तलाश में विदेश चले जाते हैं। वहीं, दूसरी तरफ अमेरिका में नवंबर 2024 के चुनाव में अगर ट्रम्प जीतते हैं तो सुरक्षा के हालात कैसे रहेंगे, इसको लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। साथ ही कुछ क्षेत्रीय खतरों के कारण दक्षिण कोरिया और ताइवान से भी अमीर लोग बड़ी संख्या में बाहर जा रहे हैं।
भविष्य की बातें
जैसा कि हेनले प्राइवेट वेल्थ माइग्रेशन रिपोर्ट 2024 में बताया गया है, लॉयड्स बैंक कमर्शियल के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री प्रो. ट्रेवर विलियम्स ने कहा है कि “वेल्थ ग्रोथ असमान रूप से वितरित है, विकासशील और इमर्जिंग अर्थव्यवस्थाओं में अगले 5 वर्षों में 4% से अधिक की ग्रोथ का अनुमान है – जो एडवांस अर्थव्यवस्थाओं की दर से दोगुनी से भी अधिक है। इसका दुनिया भर में करोड़पतियों और अरबपतियों के भविष्य की ग्रोथ और डिस्ट्रीब्यूशन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही, विकासशील दुनिया के कई देशों में अल्ट्रा-हाई-नेट-वर्थ व्यक्तिगत आबादी में उल्लेखनीयग्रोथ देखी जा रही है”।
निष्कर्ष में, अमीर लोगों का किसी देश से बाहर जाना, उस देश की आर्थिक सेहत का एक अहम संकेत होता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई देश बड़ी संख्या में अमीर लोगों को खो रहा है, तो शायद वहां कोई गंभीर समस्याएं हैं। अमीर लोग अक्सर सबसे पहले देश छोड़ते हैं, इसलिए यह भविष्य के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है।
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*यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है।
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