स्टॉक मार्केट में विभिन्न निवेश शैली है जिन्हे निवेशक अपनी जोखिम सहने की शक्ति और लक्ष्य के आधार पर चुनता है। क्योंकि प्रत्येक निवेश शैली के अपने जोख़िम और निवेश अवधि होती है इसलिए हो सकता है एक रणनीति या शैली जो आपके लिए काम कर सकती है, वह हो सकता है आपके जीवनसाथी या माता-पिता के लिए लिए उपयोगी न हो।
इसलिए, आपके लिए उपयुक्त निवेश शैली के साथ अपनी निवेश यात्रा शुरु करना एक अच्छा विचार हो सकता है। लेकिन कौन -सी निवेश शैली आपके लिए उपयुक्त है उसे समझाने के लिए हमने यहाँ सात निवेश शैली के बारे में बताया गया हैं जिनमें में से आप अपने लक्ष्य एवं जोखिम सहनशीलता के अनुसार निवेश शैली का चुनाव कर सकते है।
एक्टिव निवेश
एक्टिव निवेश करने वाले लोग प्रमुख रूप से यह चाहते हैं कि वे कम समय अवधि में ज्यादा लाभ कमा सकें। जहां इंट्राडे ट्रेडिंग एक्टिव निवेश का एक उदाहरण हैं। ये निवेशक दिनभर फाइनेंशियल सिक्योरिटीज को खरीदते और बेचते हैं, ताकि मार्केट मूवमेंट का उपयोग करके लाभ कमा सकें।
एक्टिव निवेश शैली में निर्णय लेने के लिए टेक्निकल एनालिसिस की आवश्यकता होती है। टेक्निकल एनालिसिस मार्केट ट्रेंड की पहचान करना और स्टॉक को ट्रैक करना, ताकि शेयर की कीमत का अगला कदम किस दिशा में जा सकता है, उसके बारे में अनुमान लगाने में मदद करता है।
पैसिव निवेश
पैसिव निवेश एक्टिव निवेश का उल्टा होता है। पैसिव निवेश करने वाला व्यक्ति आमतौर पर दीर्घकालिक लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करता है। वह मार्केट को परास्त करने की कोशिश करने की बजाय, लंबी अवधि में आय बनाने के तरीके ढ़ूंढ़ रहा होता है या समय के साथ स्थिर लाभ कमाने की कोशिश कर रहा होता है।
आसान शब्दों में, पैसिव निवेश का लक्ष्य धीरे-धीरे वेल्थ बनाना है इसलिए इसे ‘buy-and-hold strategy’ भी कहा जाता है, पैसिव निवेश का मतलब है किसी सिक्योरिटीज को लंबे समय तक खरीद कर रखना। एक्टिव निवेशक की तरह, पैसिव निवेशकों का उद्देश्य यह नहीं है कि वे कम समय अवधि में ही लाभ कमाए।
वैल्यू इन्वेस्टिंग
वैल्यू इन्वेस्टिंग शैली उन छुपे हुई स्टॉक का पता लगाने के बारे में है जो बेहतर रिटर्न दे सके। वैल्यू इन्वेस्टिंग में निवेशक उन स्टॉक की तलाश करते है जो कम वैल्यूएशन पर हैं, उन्हें खरीदते हैं और उम्मीद करते हैं कि समय के साथ उनकी कीमत बढ़ेगी। जिसे वह उन निवेशों को बड़े लाभ के लिए बेच सके। वॉरेन बफेट इस प्रकार के प्रसिद्ध निवेशकों में से एक हैं।
वैल्यू इन्वेस्टिंग के साथ निवेशकों को एक बात का ख्याल रखना है, वह है ‘वैल्यू ट्रैप’। यह ऐसी कंपनियां होती है जो दिखने में अंडरवैल्यूड लगती है लेकिन लेकिन वास्तविकता में ऐसी नहीं है। वैल्यू ट्रैप खतरनाक हो सकता है क्योंकि इनमें समय के साथ कीमत में वृद्धि नहीं होती है बल्कि स्टॉक की कीमत घट सकती है।
डिविडेंड निवेश
डिविडेंड निवेश करने वाले लोग अपनी आमदनी के लिए पोर्टफोलियो से डिविडेंड बनाने के लिए निवेश करते हैं। डिविडेंड एक कंपनी के लाभ का हिस्सा होता है जो कि शेयरहोल्डर्स को दिया जाता है। वह कंपनियाँ जो डिविडेंड देती हैं, वे अधिक पुरानी और स्थायी होती हैं अपेक्षाकृत उन इमर्जिंग कंपनियों की तुलना में जो की अभी भी विकसित हो रही हैं।
जब कोई कंपनी एक फाइनेंशियल वर्ष में मुनाफा करती है तब उसके पास दो रास्ते होते है जिनमें पहला है कंपनी में निवेश करना और दूसरा मुनाफे का कुछ हिस्सा शरहोल्डर्स में बांटना।
ग्रोथ इन्वेस्टिंग
ग्रोथ इन्वेस्टिंग करने वाले लोग उन कंपनियों में रूचि रखते हैं जिनमें ग्रोथ संभावना अधिक होती है। निवेशकों के लिए ग्रोथ कंपनियों में निवेश करना आकर्षक हो सकता है क्योंकि समय के साथ कंपनी तेजी से विकाश करती है। ये कंपनियाँ सामान्यत: डिविडेंड नहीं देती हैं क्योंकि ये सभी मुनाफे को कंपनी में ग्रोथ के लिए रीइन्वेस्ट करते है। लेकिन निवेशकों के लिए यह लाभदायक निवेश हो सकता हैं अगर आप पहले सस्ते में खरीदते हैं और बाद में महंगे में बेचते हैं।
मार्केट कैप निवेश
मार्केट कैप निवेश का एक तरीका है जिससे कंपनी के मूल्य को मापा जाता है, जो कि जारी किए शेयर्स की संख्या और प्रति शेयर की कीमत पर आधारित होता है। वह निवेशक जो अपनी निवेश शैली के लिए मार्केट कैप का उपयोग करते हैं, वे केवल स्मॉल कैप, मीडियम कैप या लार्ज कैप कंपनियों पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। या फिर कुछ निवेशक माइक्रो-कैप्स, पैनी स्टॉक्स या मेगा-कैप कंपनियों में भी निवेश करते हैं।
यह निवेश शैली निवेशक की पसंद पर निर्भर करके विभिन्न स्तरों की जोखिम और मुनाफा प्रदान कर सकती है। उदाहरण के लिए, लार्ज कैप कंपनियाँ डिविडेंड के लिए बेहतर होती हैं, जबकि स्मॉल कैप कंपनियाँ ग्रोथ के लिए अच्छी होती है या बेहतर निवेश ऑन इन्वेस्टमेंट का अवसर प्रदान कर सकती हैं।
इंडेक्स निवेश
इंडेक्स निवेश एक प्रकार की पैसिव निवेश रणनीति है इंडेक्स निवेशक अपने पैसे को किसी एक स्टॉक में निवेश न कर एक विशेष इंडेक्स में निवेश करते है जैसे कि निफ़्टी 50, बैंक निफ़्टी, निफ़्टी आईटी, निफ़्टी फार्मा या निफ़्टी 500 आदि।
इंडेक्स निवेश अक्सर उन निवेशकों द्वारा किया जाता है जो एक विशेष सेक्टर को लेकर बुलिश है और उन्हें लगता है कि सेक्टर आने वाले समय बेहतर परफॉर्म कर सकता है।
निवेश शैली कैसे चुनें?
निवेश शैली का चयन करना कुछ मुख्य बातों को समझने से शुरू होता है, जैसे कि:
- आपका निवेश के लिए कितने समय के लिए है।
- आपके निवेश लक्ष्य और उद्देश्य क्या हैं?
- आप कितना जोखिम लेने के लिए तैयार हैं।
- आपकी जोखिम की क्षमता, या वह जोखिम जो आपको अपने निवेश लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लेना आवश्यक है।
इन सवालों को जवाब पाने के बाद आप निर्णय कर सकते है कि आपके लिए कौन सी निवेश शैली सबसे बेहतर है। इसके साथ ही नीचे दिए गए पॉइंट्स की मदद से भी आप निवेश शैली का चुनाव कर सकते है:
अगर आप ऐसे व्यक्ति है जिनमें जोखिम सहनशीलता है और छोटी अवधि में बेहतर रिटर्न पाने की उम्मीद करते है तो आप एक्टिव निवेश शैली का चुनाव कर सकते है।
अगर आप ऐसे व्यक्ति है जो लंबी अवधि के लिए निवेश का विचार कर रहे है तो आप पैसिव निवेश या मार्केट कैप निवेश की ओर जा सकते है।
वैल्यू इन्वेस्टिंग एवं ग्रोथ इन्वेस्टिंग उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो बेहतर कंपनी रिसर्च कर तेजी से लाभ कमाना चाहते है।
डिविडेंड निवेश उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है जो सर्वाधिक डिविडेंट देने वाली कंपनियों में निवेश कर प्रतिवर्ष डिवीडेंट के रूप में मुनाफा कमाना चाहते है।
इंडेक्स निवेश को आमतौर उन निवेशकों द्वारा चुना जाता है जो किसी सेक्टर या अर्थव्यस्था को लेकर बुलिश है जिससे उन्हें लगता है कि वह आने वाले समय में बेहतर रिटर्न दे सकते है।
*यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है।
*डिस्क्लेमर: तेजी मंदी डिस्क्लेमर