भारत में स्मार्टफोन का इस्तेमाल पहले से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। नए और रोमांचक लॉन्च, त्योहारी सीजन के ऑफर, और पूरे देश में, खासकर छोटे शहरों में बढ़ती डिमांड के साथ मार्केट बेहद सक्रिय है। ब्रांड्स अपनी पहचान बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और यूजर्स कम कीमत में ज्यादा चाहते हैं। स्मार्टफोन अब सिर्फ कम्युनिकेशन का साधन नहीं रहे; ये भारत के काम करने, सीखने, खरीदारी करने और मनोरंजन के तरीके बन चुके हैं।
यह उछाल भारत के रिटेल पॉवरहाउस के रूप में उभरने से प्रेरित है। अब भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रिटेल मार्केट और दूसरे सबसे बड़े ऑनलाइन खरीदारों का घर है, जो स्मार्टफोन खरीदने और बेचने के तरीके को बदल रहा है। ई-रिटेल सेक्टर का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) $60 बिलियन तक पहुंच गया है, जिसमें 15% से 20% क्विक कॉमर्स मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कपड़ों से संबंधित है।
इस सप्ताह के इन्फोग्राफिक में समझें भारत की स्मार्टफोन क्रांति और देखें कैसे भारत ग्लोबल बदलाव को ड्राइव कर रहा है।

भविष्य की बातें
भारत न केवल स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात में अग्रणी है, बल्कि ग्लोबल मोबाइल डेटा उछाल में भी, जहाँ प्रति व्यक्ति 5G डेटा उपयोग 32 GB/माह है, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इसके अलावा, देश के 5G ग्राहक 290 मिलियन (2024 के अंत तक) से बढ़कर 2030 तक 980 मिलियन होंगे, जो कुल मोबाइल यूजर्स का 75% होगा।
एप्पल के CEO टिम कुक ने पुष्टि की कि अमेरिका में पिछले तिमाही में बिकने वाले अधिकांश आईफ़ोन भारत में बने हैं, जिससे भारत आईफ़ोन के लिए प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है। वहीं, एप्पल घड़ियाँ, आईपैड और मैकबुक का उत्पादन वियतनाम में होता है। स्थिति मजबूत करने के लिए भारत को आईफ़ोन के अलावा अन्य एप्पल प्रोडक्ट्स के लिए भी एडवांस फैसिलिटी स्थापित करनी होंगी और डोमेस्टिक ब्रांड्स को स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग में विस्तार के लिए प्रोत्साहित करना होगा।
*आर्टिकल में शामिल कंपनियों के नाम केवल सूचना के उद्देश्य के लिए है। यह निवेश सलाह नहीं है।
*डिस्क्लेमर: तेजी मंदी डिस्क्लेमर