भारत बना ग्लोबल सर्विस हब: एक विज़ुअल गाइड

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भारत का सर्विसेज सेक्टर आज देश की आर्थिक शक्ति का सबसे बड़ा आधार बन चुका है। इसकी तेज़ वृद्धि की कहानी 1990 के आर्थिक सुधारों से जुड़ी है, जब बैलेंस ऑफ पेमेंट संकट के बीच संरचनात्मक सुधारों की शुरुआत हुई। 1980 के दशक के मध्य में शुरू हुई यह वृद्धि सुधारों के बाद गति पकड़ती चली गई और आज यह सेक्टर GDP, रोज़गार, FDI और एक्सपोर्ट हर क्षेत्र में सबसे आगे है।

सर्विसेज सेक्टर में ट्रेड, होटल-रेस्तरां, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन, फाइनेंस, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट, बिजनेस सर्विसेज, पर्सनल सर्विसेज और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियाँ शामिल हैं।

आइए विज़ुअल गाइड की मदद से भारत के सर्विस सेक्टर को एक्सप्लोर करें, और समझें वर्तमान स्थिति, ग्रोथ ड्राइवर्स और भविष्य की संभावनाएं।

भविष्य की संभावनाएं

FY26 (अप्रैल–जून 2025) में भारत का सर्विस सेक्टर मजबूत प्रदर्शन करता रहा। बढ़ती वैश्विक मांग और रिकॉर्ड स्तर की हायरिंग ने इस सेक्टर को अर्थव्यवस्था के केंद्र में ला खड़ा किया। FY25 में सर्विस सेक्टर ने मैन्युफैक्चरिंग की तुलना में लगभग तीन गुना ज्यादा नौकरियां पैदा कीं, जिससे यह रोजगार सृजन का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है।

डिजिटलाइजेशन ने इस बढ़त को और तेज किया है। भारत आज अर्थव्यवस्था-व्यापी डिजिटलाइजेशन में वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जबकि G20 देशों में व्यक्तिगत डिजिटल उपयोग के मामले में 12वें स्थान पर है। 2022-23 में डिजिटल इकोनॉमी का GDP में योगदान 11.74% था, और 2029-30 तक इसके लगभग 20% तक पहुंचने की उम्मीद है।

*आर्टिकल में शामिल कंपनियों के नाम केवल सूचना के उद्देश्य के लिए है। यह निवेश सलाह नहीं है।
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