भारत का इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बढ़ना EV इंश्योरेंस की डिमांड को बढ़ा रहा है। जैसे-जैसे EV के लिए पॉलिसी तेजी से बढ़ रही हैं, यह सेक्टर निवेश और बिजनेस बढ़ाने का आकर्षक रास्ता बन रहा है। भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंश्योरेंस की डिमांड बढ़ी है, पिछले तीन साल में 16 गुना बढ़ोतरी हुई है।
आइए, इसे गहराई से समझें कि क्या हो रहा है और निवेशकों के लिए इसमें क्या है।
क्या है मामला?
पॉलिसी बाजार के इंटरनल डेटा के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल इंश्योरेंस की डिमांड पिछले तीन साल में 16 गुना बढ़ी है।
EV कारों के लिए इंश्योरेंस FY23 में 0.50% से बढ़कर FY24 में 3.50% और FY25 में 8.2% हो गया है। मार्च 2025 में इसकी डिमांड 14% तक पहुँची।
टू-व्हीलर EVs के लिए खरीदी गई पॉलिसी इस साल 10,000 से दोगुनी होकर 20,000 हो गई हैं। साथ ही, पिछले पाँच साल में यह सभी टू-व्हीलर इंश्योरेंस पॉलिसी का 7% से 8% हिस्सा रही हैं। स्कूटर इस रेस में आगे हैं, जो इंश्योर्ड EV टू-व्हीलर्स का लगभग 98-99% हिस्सा हैं।
यह बढ़ोतरी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के बढ़ते इस्तेमाल और ग्राहकों में टेलर्ड इंश्योरेंस प्रोटेक्शन की जागरूकता को दिखाती है।
कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज की डिमांड में बढ़ोतरी
रिपोर्ट के अनुसार, ग्राहक न सिर्फ बेसिक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद रहे हैं, बल्कि अपने EVs की सुरक्षा के लिए कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज की डिमांड भी बढ़ा रहे हैं। कुछ पॉपुलर ऐड-ऑन्स हैं:
EV कारें: जीरो डेप्रिसिएशन, रोडसाइड असिस्टेंस, बैटरी कवर, की एंड लॉक रिप्लेसमेंट, इनवॉइस प्राइस प्रोटेक्शन, और टायर प्रोटेक्शन।
EV टू-व्हीलर्स: बैटरी प्रोटेक्टर (चोरी या नुकसान के लिए), चार्जर कवर, जीरो डेप्रिसिएशन, और रोडसाइड असिस्टेंस।
दिल्ली-NCR EV इंश्योरेंस मार्केट में आगे
भारत में मेट्रो शहर EV इंश्योरेंस की डिमांड में आगे हैं, जो कुल पॉलिसी का 55% हिस्सा हैं। दिल्ली-NCR 18.3% मार्केट शेयर के साथ पहले नंबर पर है, इसके बाद बेंगलुरु (16%), पुणे (7.6%), चेन्नई (6.7%), और मुंबई-ठाणे (6.4%) हैं।

भारत के मेट्रो शहर EV इंश्योरेंस की डिमांड में अग्रणी हैं, जो कुल पॉलिसि का 55% हिस्सा रखते हैं।
इसके अलावा, टियर 1 शहर कुल पॉलिसी का 58% हिस्सा रखते हैं, जबकि टियर 2 और टियर 3 का हिस्सा क्रमशः 30% और 12% है।
निवेशकों के लिए इसमें क्या है?
EV इंश्योरेंस और EVs की तेज बढ़ोतरी निवेशकों के लिए बड़ा मौका दे रही है। भारत में EV इंश्योरेंस की बढ़ती डिमांड से इंश्योरेंस कंपनियों को फायदा होगा जो EVs के लिए कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज देती हैं, साथ ही ऑनलाइन इंश्योरेंस देने वाले एग्रीगेटर्स को भी।
टियर 2 और टियर 3 शहरों में EV इंश्योरेंस के बढ़ते इस्तेमाल से इन कंपनियों को ज्यादा बिजनेस और प्रीमियम मिलेगा, जिससे मुनाफा बढ़ सकता है।
भविष्य की बातें
भारत में EV का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, जिसे पर्यावरण की चिंता और सरकार के कई इंसेंटिव्स बढ़ा रहे हैं। 2024 में, भारत में बिकने वाले 50% से ज्यादा थ्री-व्हीलर्स, लगभग 5% टू-व्हीलर्स, और 2% कारें इलेक्ट्रिक थीं। भारत 2030 तक सबसे बड़ा EV मार्केट बनने की उम्मीद है, जिसमें इंडस्ट्री 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि EV फाइनेंसिंग मार्केट का साइज लगभग 4 लाख करोड़ रुपये होगा।
EVs के तेज इस्तेमाल और सरकार के मजबूत समर्थन के साथ, भारत में EV इंश्योरेंस सेक्टर भविष्य में बढ़ने के लिए तैयार है।
*यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है।
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