भारत का स्टार्टअप सफर अब सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक क्रांति बन चुका है। दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम होने के साथ, भारत आज इनोवेशन और विकास का असली पावरहाउस बन गया है। मई 2025 तक देश के 122 यूनिकॉर्न्स ने मिलकर $115 बिलियन से अधिक की फंडिंग जुटाई है और उनकी संयुक्त वैल्यूएशन $363 बिलियन के पार पहुंच चुकी है। ये कंपनियाँ सिर्फ अर्थव्यवस्था को गति नहीं दे रही हैं, बल्कि लाखों नौकरियों का निर्माण करके समाज में बदलाव भी ला रही हैं।
आइए इस इन्फोग्राफिक में भारतीय भारतीय यूनिकॉर्न्स बनने से लेकर IPO तक के सफर को समझें।

निष्कर्ष
भारत के यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स ने देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाई है। तेजी से बढ़ते ये स्टार्टअप्स न केवल डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित कर रहे हैं और निवेशकों का आकर्षण बढ़ा रहे हैं। 2025 में विभिन्न यूनिकॉर्न IPO की तैयारी कर रहे हैं, जो निवेशकों को न्यू ऐज़ कंपनियों में निवेश का मौका दे सकती है। इन कंपनियों की सतत सफलता और इनोवेशन से भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम मजबूत हो रहा है।
*यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है।
*डिस्क्लेमर: तेजी मंदी डिस्क्लेमर