ऑपरेशन सिंदूर और वोलैटिलिटी: क्या आपको चिंतित होना चाहिए?

ऑपरेशन सिंदूर और वोलैटिलिटी: क्या आपको चिंतित होना चाहिए?
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एक महत्वपूर्ण सैन्य ऑपरेशन में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकाने थे। इस कदम ने ग्लोबल राजनीति और वित्तीय दुनिया में हलचल मचा दी है, जिससे लोग सोच रहे हैं कि इसका मार्केट्स पर क्या असर होगा।

यह आर्टिकल हाल के वर्षों में भारत के सैन्य हमलों पर मार्केट्स की प्रतिक्रिया और ऑपरेशन सिंदूर के नवीनतम घटनाक्रम पर वर्तमान मार्केट प्रतिक्रिया की गहराई से जांच करता है। आइए इसे विस्तार से समझें।

क्या है मामला?

22 अप्रैल को हुए घातक पहलगाम हमले — जिसमें 26 लोगों की जान गई (25 भारतीय नागरिक और एक नेपाली) — के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार रात ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस मिशन में पाकिस्तान और PoK में स्थित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, निशाना बनाए गए स्थान भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। कुल नौ स्थानों पर हमला किया गया। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कोई भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाना शामिल नहीं था, और भारत ने रणनीतिक संयम बरतते हुए सावधानीपूर्वक अपने लक्ष्यों का चयन किया।

आज बाजार की प्रतिक्रिया और अतीत के सैन्य हमलों का प्रभाव

भारतीय इक्विटी बेंचमार्क निफ़्टी 50 और BSE सेंसेक्स बुधवार (07 मई) को थोड़ा नीचे खुले, भले ही ऑपरेशन सिंदूर के बाद तेज गिरावट की उम्मीद थी। हालांकि, मार्केट जल्दी रिकवर हुआ और 24,449.69 के उच्च स्तर को छूआ। आर्टिकल लिखने के समय (सुबह 10:17), निफ़्टी 50 24,301.20 पर ट्रेडिंग कर रहा है, जो 78.49 अंक या 0.32% नीचे है, जबकि BSE सेंसेक्स 80,392.19 पर है, जो 248.88 पॉइंट्स या 0.31% कम है। दिन के उच्च स्तर के बाद वापसी निवेशकों में सतर्क रुख को दर्शाती है।

इंडिया VIX (वोलैटिलिटी इंडेक्स) की बात करें तो, यह 23 अप्रैल से लगातार बढ़ रहा है, जब पहले इसमें उल्लेखनीय गिरावट आई थी। आज भी, यह 3.25% से अधिक बढ़ा, जो लगभग 19.60 पर पहुंच गया।

भारत के सैन्य हमलों पर मार्केट की प्रतिक्रिया

भारतीय शेयर मार्केट ने अतीत में सैन्य कार्रवाइयों, खासकर पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ दिखाई हैं:

  • कारगिल युद्ध (1999): दो महीने के संघर्ष के बावजूद, मार्केट में केवल 0.8% की मामूली गिरावट आई।
  • मुंबई 26/11 हमले (2008): आश्चर्यजनक रूप से, हमले के बाद अगले दो दिनों में सेंसेक्स 400 पॉइंट्स और निफ्टी 100 पॉइंट्स ऊपर चढ़ा।
  • सर्जिकल स्ट्राइक (2016): उरी आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की। इससे बाजार में तीखी प्रतिक्रिया हुई, सेंसेक्स 400 पॉइंट्स से ज्यादा गिरा और निफ्टी एक सेशन में 156 पॉइंट्स नीचे आया।
  • बालाकोट हवाई हमले (2019): 26 फरवरी को भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में आतंकवादी शिविरों पर हमला किया, जिसके बाद सेंसेक्स 239 पॉइंट्स और निफ्टी 44 पॉइंट्स गिरा। लेकिन अगले दिन दोनों इंडेक्स स्थिर हो गए — सेंसेक्स 165 पॉइंट्स ऊपर खुला और दिन के अंत में फ्लैट रहा। इससे पहले पुलवामा आतंकी हमले का मार्केट पर कम असर हुआ, इंडेक्स केवल 0.2% फिसले।

ये घटनाएँ भारतीय मार्केट के जिओपॉलिटिकल तनाव के दौरान लचीलापन दिखाती हैं, जो अक्सर मजबूत डोमेस्टिक अर्थव्यवस्था से समर्थित होता है।

भविष्य की बातें

भारतीय बाजार नकारात्मक हो गए हैं, और इंडिया VIX लगातार बढ़ रहा है, जो अनिश्चितता को दर्शाता है। मार्केट की अगली चाल इस बात पर निर्भर करेगी कि पाकिस्तान स्थिति पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।

मिंट के अनुसार, वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज के क्रांति बथिनी ने कहा कि भारतीय शेयर मार्केट शुरुआत में तेज प्रतिक्रिया दे सकता है, लेकिन धीरे-धीरे रिकवर होने की संभावना है। मार्केट पर प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि संघर्ष बढ़ता है या सीमित रहता है, क्योंकि व्यापक संघर्ष निवेशकों के विश्वास के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकता है।

मार्केट एनालिस्ट अजय बग्गा ने कहा कि पाकिस्तान और PoK में आतंकी कैंप पर हमले के साथ भारतीय मार्केट्स पर मंडरा रहा जिओपॉलिटिकल जोखिम सामने आ गया है। उन्होंने समझाया कि ऐसी जिओपॉलिटिकल घटनाएं आमतौर पर मार्केट में अचानक प्रतिक्रिया का कारण बनती हैं, लेकिन प्रभाव अक्सर शॉर्टटर्म होते हैं। आगे मार्केट की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि स्थिति नियंत्रित रहती है या और विकसित होती है।

*यह आर्टिकल केवल जानकारी के उद्देश्य के लिए है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है।
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