दुनिया तेजी से ऑनलाइन हो रही है, जहाँ काम अब सिर्फ एक मोबाइल फोन के कुछ टैप से हो जाते हैं। ये डिजिटलीकरण बहुत तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन ऑनलाइन गतिविधियों के बढ़ने के साथ ही धोखाधड़ी और साइबर खतरों में भी इजाफा हो रहा है। इन खतरों से निपटना आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
इस आर्टिकल में, हम बढ़ते साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए साइबर सुरक्षा के बढ़ते महत्व के बारे में बात करेंगे। साथ ही, हम साइबर सुरक्षा कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन और उनकी ग्रोथ की संभावनाओं पर भी चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, हम बदलते साइबर खतरों के परिदृश्य और बचाव में टेक्नोलॉजी की भूमिका पर भी गौर करेंगे।
तो चलिए शुरू करते हैं!
साइबर सुरक्षा क्यों ज़रूरी है?
सोचिए, आप एक रेस्टोरेंट में बैठे दोस्तों के साथ गोवा घूमने का प्लान बना रहे हैं, और कुछ ही देर में आपके सोशल मीडिया ऐप्स पर उसी ट्रिप के स्पॉन्सर्ड ऐड दिखने लगते हैं। आज की दुनिया में प्राइवेसी बहुत बेशकीमती चीज हो गई है। हमारी निजी, फाइनेंशियल और सोशल जानकारी को आए दिन सोशल मीडिया कंपनियां और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ट्रैक करते रहते हैं। ऊपर से, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन (चाहे वो वेबसाइट ब्राउज़ करना हो या बैंकिंग) इतने आम हो गए हैं कि ये साइबर ठगों के लिए भी आसान शिकार बन गए हैं।
समझने के लिए सोचिए, भारत में करीब 70 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं। 2022 में लोकलसर्कल्स नाम की एक कंपनी ने सर्वे किया था, जिसमें 42% भारतीयों ने बताया कि पिछले तीन साल में उनके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हुआ था और चौंकाने वाली बात ये है कि इनमें से 74% लोगों को अपना पैसा वापस नहीं मिला।
रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, पिछले सात सालों में भारत में हर रोज़ करीब 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक फ्रॉड हुए हैं और ये सिर्फ आम लोगों की बात नहीं है, बड़ी-बड़ी कंपनियां भी इन फ्रॉड का शिकार हो रही हैं।

भारत में कौन सी साइबर सुरक्षा कंपनियों के शेयर खास हैं?
भारत में कुछ प्रमुख साइबर सुरक्षा स्टॉक में शामिल हैं:
1. क्विक हील टेक्नोलॉजीज लिमिटेड: ये कंपनी देश और विदेश में सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर बेचती है। उनके पास क्लाउड-आधारित सिक्योरिटी और मशीन लर्निंग समाधान हैं जो खतरों और दुर्भावनापूर्ण ट्रैफिक से बचाते हैं। कंपनी की रिटेल सेगमेंट में 30% मार्केट हिस्सेदारी है और भविष्य में छोटे और मध्यम शहरों में इनका और विस्तार होने की उम्मीद है। पिछले 5 सालों में इस कंपनी के शेयरों की कीमत में 20% की CAGR से ग्रोथ हुई है।
2. सिक्योरक्लाउड टेक्नोलॉजीज: ये कंपनी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन समाधान के रूप में काम करती है, जैसे मैनेज्ड सर्विसेज, क्लाउड इनेबलमेंट, साइबर सिक्योरिटी और AI पावर्ड डेटा एनालिटिक्स। उनका मुख्य प्रोडक्ट क्लाउडओथ मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन है, जो कुछ ही सेकंड में यूनिक आइडेंटिटी पहचान को प्रमाणित करके विभिन्न एंटरप्राइज एप्लीकेशन को सुरक्षित करता है। पिछले 5 सालों में भले ही इस कंपनी के शेयरों की कीमत में 12% CAGR के अनुसार कमी हुई है, लेकिन साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में यह एक अहम प्लेयर है।
3. साइबरटेक सिस्टम्स एंड सॉफ्टवेयर लिमिटेड: ये कंपनी खासकर इंटरप्राइजेज के लिए रिस्क इंटेलिजेंस समाधान देती है। साइबरटेक सरकार सहित जैसे कि शिक्षा, यूटिलिटीज, पब्लिक सेफ्टी, डिफेन्स, टेलीकॉम, रिटेल, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग सहित विभिन्न इंडस्ट्री में जोखिम कम करने और नुकसान कम करने की रणनीतियां प्रदान करती है। पिछले 5 सालों में इस कंपनी के शेयरों की कीमत में 37% सालाना ग्रोथ हुई है।
4. R S सॉफ्टवेयर लिमिटेड: ये कंपनी दुनिया भर के बड़े कॉरपोरेशन को कस्टमाइज्ड ई-पेमेंट समाधान ऑफर करने के लिए जानी जाती है। इनके मुख्य प्रोडक्ट्स में डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी रोकथाम शामिल है। ग्राहक डेटा के आधार पर धोखाधड़ी के पूर्वानुमानित मॉडल विकसित करके, कंपनी धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एक शेयर्ड मॉडल प्रदान करती है। पिछले 5 सालों में इस कंपनी के शेयरों की कीमत में 23% सालाना ग्रोथ हुई है।
विकास की संभावना क्या है?
निम्नलिखित कारणों से साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं:
रिमोट वर्क जारी रहना: महामारी कम होने के बाद भी, कई कंपनियों ने कर्मचारियों को घर से काम करना जारी रखने की अनुमति दी है, जिससे कंपनियां साइबर हमलों के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं। घर से काम करते समय, कर्मचारी अपने पर्सनल डिवाइस और होम नेटवर्क पर निर्भर होते हैं, जिनमें कंपनी के वातावरण के मजबूत सुरक्षा उपाय नहीं होते हैं। ये कमजोरियां पूरे ऑर्गेनाइजेशन को खतरे में डाल सकती हैं।
प्राइवेसी प्रोटेक्शन की बढ़ती आवश्यकता: जैसे-जैसे सोशल मीडिया दिग्गजों की ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, टेक-प्रेमी कंस्यूमर डेटा प्रोटेक्शन को रोकने के लिए गोपनीयता सुरक्षा को तेजी से प्राथमिकता दे रहे हैं। जिसकी वजह से यह डेमोग्राफिक प्राइवेसी प्रोटेक्शन उपायों में निवेश करने को तैयार है।
बढ़ता डिजिटलीकरण: सरकार डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने वाली पहलों के साथ, साइबर सिक्योरिटी की डिमांड स्वाभाविक रूप से बढ़ती है। UPI, ऑनलाइन बैंकिंग और ई-कॉमर्स का व्यापक रूप से अपनाया जाना इस डिमांड को बढ़ावा देता है, जो निकट भविष्य में साइबर सुरक्षा के लिए एक बेहतर मार्केट का वादा करता है।
साइबर खतरे और टेक्नोलॉजी की बदलती भूमिका
जैसा कि साइबर अपराधियों के तरीके निरंतर बदल रहे हैं और वे और भी चालाक बनते जा रहे हैं, साइबर सुरक्षा का महत्व बहुत बढ़ गया है। स्टेटिस्टा के टेक्नोलॉजी मार्केट आउटलुक के अनुसार, 2027 तक साइबर अपराध की ग्लोबल लागत $20 ट्रिलियन से अधिक हो जाएगी, जिसमें अनडिटेक्टेड अपराध शामिल नहीं हैं। यह तेजी से बढ़ता बाजार मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों की अत्यंत आवश्यकता को दर्शाता है।
फ्रॉड डिटेक्शन का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित समाधान साइबर धोखाधड़ी से लड़ने का एक प्रमुख उपाय बनकर उभरा है। AI की मदद से, साइबर सिक्योरिटी सिस्टम्स न केवल खतरों का जवाब दे सकती हैं, बल्कि उन्हें प्रेडिक्ट और रोक भी सकती हैं। AI अनियमितताओं, दुर्भावनापूर्ण पैटर्न और जीरो-डे हमलों की पहचान करने में एक्सपर्ट है, जो अक्सर मानव एनालिस्ट को चकमा दे देते हैं। यह तकनीक स्पैम और धोखाधड़ीपूर्ण कॉल का पता लगाने में ‘ट्रूकॉलर’ की प्रभावशीलता को दर्शाती है।
AI द्वारा प्रदान किए जाने वाले फायदो को देखते हुए, साइबर सिक्योरिटी में ग्लोबल AI मार्केट 2026 तक 20% की CAGR के साथ USD 10 बिलियन से बढ़कर लगभग USD 40 बिलियन तक पहुंचने के लिए तैयार है।
निष्कर्ष में, बढ़ते साइबर खतरों, मजबूत साइबर सुरक्षा उपायों की महत्वपूर्ण आवश्यकता की ओर इशारा करते है। साइबर सिक्योरिटी स्टॉक में निवेश करना न केवल मार्केट के ट्रेंड के साथ चलना है, बल्कि निवेशकों को डिजिटल युग में साइबर सिक्योरिटी समाधानों की बढ़ती डिमांड से फायदा उठाने का भी मौका देता है।
आज के लिए सिर्फ इतना ही है। उम्मीद करते है यह जानकारी आपको रोचक लगी होगी। इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले।
*आर्टिकल में शामिल कंपनियों के नाम केवल सूचना के उद्देश्य के लिए है। यह निवेश सलाह नहीं है।
*डिस्क्लेमर: तेजी मंदी डिस्क्लेमर